अनुज कुमार पाण्डेय/
बिहार के उप-मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों तथा इस्तीफे की मांग को लेकर बढ़े विवादों के फलस्वरूप मुख्यमंन्त्री नीतीश कुमार ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया.
नीतीश कुमार ने सरकार चलाने में असमर्थता जाहिर करते हुए राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा. बताते चलें कि मामले में आरोपों का सामना कर रहे तेजस्वी यादव ने सरकार से इस्तीफ़ा देने से इनकार कर दिया था. इस मुद्दे पर विवाद सुलझाने के लिए आज राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाइटेड की बैठक (जदयू) हुई थी जो असफल साबित हुई.
इस्तीफा देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि राजद नेताओं पर लगे आरोपों और कोई संतोषजनक जवाब न मिलने की वजह से उनके लिए सरकार चलाना बेहद मुश्किल हो रहा था. नीतीश के इस्तीफे बाद देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिहार भाजपा प्रमुख सुशील मोदी ने नीतीश के फैसले का स्वागत करते हुए उनके इस कदम को भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक मिसाल बताया है. भाजपा सरकार बिहार में मध्यावधि चुनाव करवाने की संभावना से इनकार किया है. वहीं राजद प्रमुख लालू यादव के अनुसार नीतीश कुमार भाजपा को सरकार बनाने के लिए समर्थन दे सकते है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री पर जब से सीबीआई ने केस दर्ज किया था तब से राज्य की राजनीति गरमाई हुई थी. और दोनों पक्ष जदयू और राजद रोज बयानबाजी करते नजर आ रहे थे. नीतीश का कहना था कि तेजस्वी को जनता को अपने ऊपर लगे आरोप स्पष्ट करना चाहिए. इसको इस तरह समझा जा रहा था कि नितीश तेजस्वी का इस्तीफ़ा चाहते हैं. वहीँ राजद इसको भाजपा की चाल बता रहा था.
आखिरकार आज लालू के उस बयान के बाद जिसमे उन्होंने कहा कि नितीश को मुख्यमंत्री उन्होंने ही बनाया है, मुख्यमंत्री ने इस्तीफ़ा दे दिया. नितीश के अनुसार उन्होंने इस गठबंधन को बचाने की बहुत कोशिश की पर नहीं बचा पाए. इस मामले में वह कांग्रेस के हाईकमान से भी मिले. इस कदम का देश की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.