सौतुक डेस्क/
बिहार से आने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जनसँख्या विस्फोट के पीछे विभाजनकारी ताकतों को जिम्मेदार बताकर, आज एक और बखेड़ा खड़ा करने की कोशिश की.
संविधान की धारा 35 A पर चल रहे विवाद का जिक्र करते हुए इस मंत्री ने कहा कि भारत एक बार 1947 में विभाजित हो चुका है और सौ साल बीतते-बीतते देश एक बार और विभाजित हो जायेगा. संविधान की धारा 35 A कश्मीर को खास राज्य का दर्जा देता है.
बिहार के नवादा से सांसद सिंह ने ट्वीटर पर अपने अकाउंट से ट्वीट किया, “1947 में धर्म के आधार पर ही देश का विभाजन हुआ वैसी ही परिस्थिति पुनः2047 तक होगी. आज़ादी बाद के 72 सालों में जनसंख्या 33करोड़ से बढ़कर 135.7करोड़ हो गई है. विभाजनकारी ताक़तों का जनसंख्या विस्फोट भयावह है. अभी तो 35A के बहस पर हंगामा हो रहा है. आने वाले वक़्त में तो एक भारत का ज़िक्र करना असंभव होगा.”
1947 में धर्म के आधार पर ही देश का विभाजन हुआ वैसी ही परिस्थिति पुनः2047 तक होगी।
72 साल में जनसंख्या 33cr से बढ़कर 135.7cr हो गया है।
विभाजनकारी ताक़तों का जनसंख्या विस्फोट भयावह है ।
अभी तो 35A के बहस पर हंगामा हो रहा है।आने वाले वक़्त में तो एक भारत का ज़िक्र करना असंभव होगा। pic.twitter.com/5RbWk3nEws— Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) September 16, 2018
अलबत्ता उन्होंने किसी समुदाय विशेष का नाम नहीं लिया लेकिन सिंह और उनके राजनितिक दल के इतिहास को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वह किस समुदाय की तरफ इशारा कर रहे थे.
गिरिराज सिंह अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं और लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह समझा जाता है कि इस तरह के बयान आगे भी आते रहेंगे. सिंह जैसे लोग समुदायों के बीच मनमुटाव नहीं कराएं तो शायद इनकी राजनीति ही ना चल सके. इसी के मद्देनज़र यहाँ स्पष्ट करना जरुरी है कि किस धर्म की जनसंख्या वृद्धि का दर कैसा है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले दशक यानी 2001 से 2011 के बीच लगभग सभी समुदायों की जनसँख्या वृद्धि दर कम हुई है और सबसे अधिक कमी मुस्लिम समुदाय में देखी गई है. हिन्दू धर्म का जनसँख्या वृद्धि दर 19.92 प्रतिशत से घटकर 16.76 प्रतिशत पर आ गया है. वहीं मुस्लिम धर्म का जनसँख्या वृद्धि दर 29.52 से घटकर 24.60 प्रतिशत हो गया है. पिछले छः दशकों में जनसँख्या वृद्धि दर में ऐसी गिरावट नहीं देखी गई थी. ईसाई जनसँख्या में 15.5 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई तो सिक्ख समुदाय में यह 8.4 प्रतिशत था. सबसे शिक्षित और समृद्ध समुदाय जैन हैं और यहाँ पिछले दशक में जनसँख्या वृद्धि दर महज 5.4 प्रतिशत देखा गया.