सौतुक डेस्क/
यह सुनकर अजीब नहीं लगता कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या कहें नरेन्द्र मोदी जो केंद्र में विकास का वादा कर सत्ता में आये थे उनके पास गुजरात के लोगों से वादा करने के लिए कुछ बचा ही नहीं है और उनकी पार्टी बिना मैनिफेस्टो के ही गुजरात के पहले चरण का चुनाव लड़ने जा रही है.
क्या इसका मतलब यह है कि गुजरात के लिए नरेन्द्र मोदी के पास वादा करने को कुछ बचा ही नहीं है या उन्होंने सारे वादे पहले ही कर दिए थे अब गुजरात के विकास को लेकर उनके पास कोई विजन नहीं है. कम से कम विपक्षी दल के नेता तो कुछ ऐसा ही कहते नजर आ रहे हैं.
जैसे कांग्रेस जिसने पिछले सप्ताह अपना मैनिफेस्टो लोगों के सामने रखा, उनके नेता अहमद पटेल ने ट्वीट किया कि भाजपा इसलिए अपना मैनिफेस्टो नहीं ला रही है क्योंकि विकास उनका कभी से लक्ष्य रहा ही नहीं है. दूसरे, इन्होंने 2012 में गुजरात की जनता से जो वादे किये थे, उसका लेखा-जोखा नहीं देना चाहते. तीसरा कि भाजपा चुनाव से पहले ही हार मान चुकी है.
वर्ष 2012 में जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब पहले चरण के चुनाव के करीब एक सप्ताह पहले उनकी पार्टी ने अपना मैनिफेस्टो जारी किया था. हाल ही में हिमाचल प्रदेश के चुनाव के वक्त भी पार्टी ने करीब दस दिन पहले ही मैनिफेस्टो के माध्यम से राज्य की जनता को बताया था कि वो किस तरह का विकास करने वाले हैं.
इस सम्बन्ध में जब मीडिया ने भाजपा के कुछ पदाधिकारियों से बात की तो उनके जवाब भी कम चौंकाने वाले नहीं थे. जैसे भाजपा के महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा पहले ही 23 साल से राज्य में शासन कर रही है और लोगों को पता है कि किस तरह का कार्य वहाँ हुआ है
पर गुजरात चुनाव में भाजपा की तरफ से जनता से अभी तक कोई लिखित वादा नहीं किया गया है. इस पर राहुल गाँधी के ऑफिसियल ट्वीट से लिखा गया कि यह पहले चरण का चुनाव प्रचार ख़त्म हो गया पर भाजपा के पास कोई मैनिफेस्टो तक नहीं है. कोई विजन नहीं है कि यह राज्य का विकास कैसे करने वाली है.
इस सम्बन्ध में जब मीडिया ने भाजपा के कुछ पदाधिकारियों से बात की तो उनके जवाब भी कम चौंकाने वाले नहीं थे. जैसे भाजपा के महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा पहले ही 23 साल से राज्य में शासन कर रही है और लोगों को पता है कि किस तरह का कार्य वहाँ हुआ है.
वहीं गाँधी नगर भाजपा के युवा मोर्चा विजेंद्रसिंह वाघेला का कहना है कि भाजपा ने राज्य का समुचित विकास कर दिया है और अब नया कुछ वादा करने को बचा नहीं है.
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से ही बात करते हुए मैनिफेस्टो समिति के सदस्य आरसी फलदू ने कहा है कि उनको नहीं मालूम की मैनिफेस्टो की तैयारी अभी किस स्थिति में है. वह चुनाव प्रचार में व्यस्त थे. उनके साथी जगदीश भावसार का कहना है कि उनके पास इसपर बोलने के लिए कुछ भी नहीं है.