Tag: Art
मी और जे: जहां जीवन कैनवास और अनुभव रंग बन बैठे...
उमंग कुमार/
‘ढूंढता रहता हूँ ए ‘इकबाल’ अपने आप को, आप ही गोया मुसाफ़िर आप ही मंजिल हूँ मैं.’ खुद को ढूँढने का कौन सा...
राजस्थान का लोकसंगीत मुश्किल दौर में, क्या बच पायेगा अस्तित्व?
अर्चना शर्मा/
ये मुसलमान हैं मगर हिंदू लोकगाथाओं में चर्चित भगवान कृष्ण के भजन गाते हैं। इन्होंने हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के रीति-रिवाजों और...
मधुबनी पेंटिंग और इतिहास का अनूठा मेल
ममता अग्रवाल/
घनी चित्रकारी और उसमें इंद्रधुनषी रंगों को समेटे बिहार की मधुबनी पेंटिंग कला देश ही नहीं, विदेशों में भी लोकप्रिय है। नवोदित कलाकार...
लौंडा नाच के सामानांतर गोंड नाच भी लोक का एक हिस्सा...
आशुतोष कुमार पाण्डेय/
लौंडा नाच वैसे तो अपने विस्तार के अनुरूप पढ़े-लिखे लोगों के बीच चर्चा का हिस्सा नहीं हो पाता. फिर भी इतना जरुर...