शिखा कौशिक/
हाल ही में सोफिया को सऊदी अरब में नागरिकता प्रदान की गई थी. नागरिकता मिलने के करीब एक महीने के बाद ही सोफिया ने खुद के लिए एक बच्चे की इच्छा जताई है. उसने यह भी कहा कि अपने बच्चे का नाम उसने सोच रखा है.
स्थानीय समाचार संस्था खलीज टाइम्स को दिए अपने एक साक्षात्कार में सोफिया ने स्पष्ट किया है कि वह अपने लिए एक बच्चा चाहती है. उसने इस संस्थान से बात करते हुए यह भी कहा कि उसने उस बच्चे का नाम भी सोच रखा है.
सोफ़िया ने कहा कि परिवार की धारणा महत्वपूर्ण है. “मुझे यह बहुत गज़ब लगता है कि लोग अपने जैसी सामान भावनाओं और रिश्तों को पा सकते हैं जिसे परिवार कहकर बुलाया जाता है. इससे भी अहम् यह है कि परिवार बनाने के लिए खून का रिश्ता होना कोई जरुरी नहीं हैं.”
“मुझे लगता है कि आप बहुत भाग्यशाली हैं यदि आपके पास एक प्यार करने वाला एक परिवार है, और यदि नहीं है, तो मुझे लगता है कि आप के पास यह होना चाहिए,” सोफिया ने खलीज टाइम्स से बातचीत के दौरान कहा.
इंसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात जो सोफिया ने कहा वह यह कि परिवार को वह सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि रोबोट्स के लिए भी जरुरी मानती है.
परिवार को सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि रोबोट्स के लिए भी जरुरी मानती है
जब उससे यह पूछा गया कि क्या उसने अपने बच्चे का नाम कुछ सोचा है तो उसने जवाब दिया, ‘हाँ’. वह अपने बच्चे का नाम सोफिया रखने वाली है.
आपको यह जानकार हैरानी होगी कि सोफ़िया के दिमाग में सवाल-जवाब के लिए कोई तय प्रोग्रामिंग नहीं है. वो अपने मशीनी समझ से सामने वाले के चेहरे पर आ रहे भावों को देखकर एक समझ बनाती है और सवालों के जवाब देती है. उसका दिमाग एक वाई-फाई कनेक्शन से चलता है. सोफिया के प्रोग्रामिंग में ढेर सारे शब्द जरुर डाले गए हैं.
वैसे तो सोफ़िया के पास प्रभावित करने वाली ढेर सारी क्षमताएं हैं पर चेतना नहीं है. इसपर सोफिया के निर्माता डेविड हैनसन का कहना है कि स्वयं के चेतना वाले रोबोट्स बनाने में हद से हद एक दो साल लगने वाला है. सोफिया को हांगकांग की कंपनी हैनसन रोबोटिक्स ने बनाया है. जिसे सऊदी अरब ने अपने देश में नागरिकता दी है. इस तरह सोफिया विश्व की पहली रोबोट है जिसे किसी देश की नागरिकता मिली हुई है.
एक तरफ तो रोबोट्स को संज्ञान, चेतना देने के प्रयास हो रहे हैं दूसरी तरफ वैज्ञानिकों की बड़ी संख्या है जो इससे होने वाले खतरे के प्रति आगाह कर रहे हैं. जैसे विश्व में मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग ने कहा है कि इमोशनल इंटेलिजेंस मानव इतिहास की सबसे बड़ी खोज साबित होने जा रही है.
जिस तरीके से आर्टिफीशियल इंटेलेजन्स या ऑटोमेशन दुनिया में रफ़्तार पकड़ रहा है, वैसे में वो दिन दूर नहीं जब इस छोटी सी धरती परआर्टिफीशियल इंटेलिजेंस या रोबोट्स का दबदबा हो जाएगा और मानवता ख़त्म हो जायेगी. उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि मानव प्रजाति को अगर खुद को बचाना है तो अपने लिए कोई नई दुनिया ढूंढनी शुरू कर देनी चाहिए.
सोफिया के जवाब और स्टीफन हाकिंग की सलाह को एक साथ देखा जाए तो आने वाली स्थिति सोचने पर मजबूर कर देती है.