उमंग कुमार/
ये हैं अमीर जिनकी फिल्म पेरान्बू जल्द ही रिलीज़ होने वाली है. खबर आ रही है कि यह तमिल फिल्म इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल रॉटरडैम में इस महीने दिखाई जाएगी. यह फिल्म फेस्टिवल जनवरी 24 से शुरू होकर फ़रवरी 4 तक चलना है. पेरान्बू फिल्म की सबसे बड़ी खूबी है इसकी मुख्य महिला किरदार. इनके बारे में ख़ास बात यह है कि इस हसीन और सुन्दर अदाकारा का जन्म बतौर लड़का हुआ था. और लड़के के रूप में इन्होंने जमशीर के नाम से जीवन के पंद्रह साल गुजारे भी.
केरल के थामारस्सेरी में एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुए जमशीर की कहानी ने तब एक नया मोड़ लिया जब उन्हें पंद्रह साल की उम्र में एक लड़के से प्यार हो गया. परिवारवालो को जब इसकी भनक लगी तो उनके लिए यह सदमा था. इतनी कम उम्र में इस तरह के रिश्ते पचाना अभिभावकों के लिए मुश्किल तो होता ही है. पर जमशीर के घरवालों के लिए इससे भी बड़ा सदमा था अपने घर के लड़के का पडोसी के लड़के की तरफ आकर्षित होना.
घरवालों ने इसकी मुखालफत की और नतीजा यह हुआ कि तब जमशीर और अब अमीर ने घर छोड़ दिया. महज़ 16 साल की अवस्था में जमशीर चेन्नई पहुँच गया. ठिकाने के तौर पर इनको किन्नरों का साथ मिला. ऐसे जगहों पर सामान्यतः किन्नर या तो वेश्यावृति या अन्य कम इज्जत से देखे जाने वाले धंधे में शामिल हो जाते हैं. पर जमशीर को अपना लक्ष्य मालूम था.
पिता की मृत्यु पर घर पहुँचने पर इन्हें उम्मीद थी कि घर वाले उसे अपना लेंगे. पर सौतले भाई और सौतेली माँ ने फिर भी इन्हें स्वीकार नहीं किया
खैर उसके पहले उनके घर की कहानी. पिता की मृत्यु पर घर पहुँचने पर इन्हें उम्मीद थी कि घर वाले उसे अपना लेंगे. पर सौतले भाई और सौतेली माँ ने फिर भी इन्हें स्वीकार नहीं किया.
हारकर इनको फिर वापस लौटना पड़ा और इस बार अमीर ने कोयम्बटूर में रहने का फैसला किया, जहां उन्होंने बतौर ब्यूटिशियन काम शुरू किया. यहीं से उन्होंने थोडा-थोडा पैसा बचाना शुरू किया. इसका मुख्य उद्येश्य उस सर्जरी के लिए पैसे बचाना था जिससे वह खुद को लड़के से लड़की में तब्दील कर सके. बीस साल की अवस्था में इन्होने अपनी सर्जरी करवा ली. धीरे-धीरे इनके पास मॉडलिंग के लिए ऑफर आने लगे.
अमीर का शुरूआती जीवन बहुत दुखमय रहा है. जब ये आठ महीने की थीं तो इनकी माँ गुजर गयीं. उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली और अमीर को उनके ननिहाल भेज दिया गया. एक पुराने ख्याल के परिवार में कई महिलाओं के बीच उनका बचपन गुजरा. उनके स्कूल के प्रधानाध्यापक ने मीडिया को एक बार बताया था कि उन्हें वह लड़का याद है जो बड़े बाल और कभी कभी आँख में काज़ल लगा के आता था. कभी-कभी तो वह हाई हील वाले सैंडल पहन कर भी आ जाता था. स्कूल वालों ने इस मामले को अधिक तूल नहीं दिया यह सोचकर की उम्र के साथ समझ आ जायेगी.
फिर इनके पहले प्रेम का मामला सामने आया जहां से जिंदगी ने नया मोड़ लेना शुरू किया.
सिर्फ लिंग ही नहीं तकदीर भी बदली
फ़रवरी 2016 की बात है. पुरुष से स्त्री बनने के दो साल बाद अमीर कोजीकोड के फैशन शो में मौजूद थीं. वहीँ वीएस रंजित नाम के एक पत्रकार जो स्थानीय समाचार चैनल मनोरमा न्यूज़ से जुड़े थे, किन्नरों पर एक स्टोरी करने के लिए पहुंचे. उनकी स्टोरी का विषय था लिंग परिवर्तन के लिए सर्जरी का बेजा इस्तेमाल. वही पर उस पत्रकार की मुलाक़ात अमीर से हुई.
इस मौके पर पहली बार अमीर नाम के मॉडल ने बताया कि वह किन्नर है या कहें ट्रांसजेंडर (पुरुष से स्त्री बनी). वह रंजित को साक्षात्कार देने के लिए तैयार हो गई.
सफ़ेद रंग के टॉप और पिंक रंग के स्कर्ट के साथ खुले बालों में अमीर बला की खूबसूरत लग रही थीं. इस उधेड़बून में रंजित अपनी स्टोरी के लिए मसाला ढूंढ रहे थे. उधर अमीर अपनी परेशानी बताती रही कि उन्हें ट्रांसजेंडर होने की वजह से कितनी दिक्कत होती है. खासकर ऐसे फैशन शो में जहां उनको सामान्यतः अपना वास्तविक परिचय छिपाना पड़ता है. ये सारी बाते सुनकर रंजित ने सिर्फ अमीर पर एक अलग से स्टोरी करने का फैसला किया.
इसी साक्षात्कार में अमीर ने मलयालम में कहा था, “मेरा सबसे बड़ा सपना है कि मैं अपने जीवन में कम से कम एक फिल्म में अभिनय करूँ.”
इसी साक्षात्कार में अमीर ने मलयालम में कहा था, “मेरा सबसे बड़ा सपना है कि मैं अपने जीवन में कम से कम एक फिल्म में अभिनय करूँ.”
मार्च 1 को यह स्टोरी चैनल पर टेलीकास्ट हुई. उसके कुछ ही घंटे के बाद तमिल फिल्म के निर्देशक राम के पास मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार ममूटी का फ़ोन आया. दोनों मिलकर एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे जिसका नाम था पेरान्बू. अभी फिल्म के लिए मुख्य महिला किरदार का चयन नहीं हुआ था. सहमति के बाद चैनल से संपर्क साधा गया. उस पत्रकार की मदद से अमीर को खोज शुरू हुई. उन्हें तुरंत चेन्नई आने का न्योता दिया गया. इस तरह अमीर भारत की पहली ट्रांसजेंडर बनीं जिन्होंने किसी फिल्म में मुख्य अदाकारा की भूमिका निभायी.